चुनाव आयोग के आज़म खां जी पर प्रतिबन्ध के बाद :-
बुरे फंसे आजम गुरु, रहा नहीं अभिमान,
ना रैली ना जनसभा सूख गए अब प्राण,
सूख गए अब प्राण न कोई चारा बाकी,
दिखे ना सारे?? या है कोई तारा बाकी,
लाट-गिरी तो गयी, यार-अग्यार सब हँसे,
देकर एक बयान, लो राजा जी बुरे फंसे....!!!!
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