" बधाई "
बेटे की शादी की बहुत जोर शोर से तैय्यारी चल रही थी. पूरा घर सजा हुआ था. घर के सामने भी छोटा सा टेंट लगाकर छाया की गयी थी. सुबह सुबह ही किन्नरों ने आकर उत्पात मचा दिया था. दुल्हे के पिताजी एक हज़ार में बात पटवाना चाहते थे लेकिन किन्नर किसी तरह पांच हज़ार से नीचे आने को तैयार ही नहीं थे. यही बहस चल रही थी तभी पुलिस का सायरन सुनाई दिया. पुलिस वालो का इशारा पाकर दुल्हे के पिताजी किन्नरों को छोड़ कर वहाँ लपके. थोड़े देर बात करने के बाद विजयी मुस्कान लेकर किन्नरों के पास आये और कहा. “आप लोग की यही आदत ठीक नहीं लगती, देखिये.....वो लोग ५०० में ही मान गए और एक आप हैं” किन्नर अब मजबूर थे.
बेटे की शादी की बहुत जोर शोर से तैय्यारी चल रही थी. पूरा घर सजा हुआ था. घर के सामने भी छोटा सा टेंट लगाकर छाया की गयी थी. सुबह सुबह ही किन्नरों ने आकर उत्पात मचा दिया था. दुल्हे के पिताजी एक हज़ार में बात पटवाना चाहते थे लेकिन किन्नर किसी तरह पांच हज़ार से नीचे आने को तैयार ही नहीं थे. यही बहस चल रही थी तभी पुलिस का सायरन सुनाई दिया. पुलिस वालो का इशारा पाकर दुल्हे के पिताजी किन्नरों को छोड़ कर वहाँ लपके. थोड़े देर बात करने के बाद विजयी मुस्कान लेकर किन्नरों के पास आये और कहा. “आप लोग की यही आदत ठीक नहीं लगती, देखिये.....वो लोग ५०० में ही मान गए और एक आप हैं” किन्नर अब मजबूर थे.
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