Tuesday, April 15, 2014

लूट

"बड़ी महंगाई है भाई, यही दस ठो साड़ी लेने में कलेजा मुंह को आ रहा था. पता नहीं इतना लूट कर ये दुकानदार कहाँ भरेंगे? अभी तो आधी से ज्यादा खरीदारी बाकी है....राम ही भला करेंगे." मिसेज वर्मा बेटे की शादी की शौपिंग करके लौटी थी.

"अरि भगवान, होने वाले समधी जी ने वादा तो किया है कि आठ लाख तक की व्यवस्था तिलक से पहले कर देंगे, तब वसूल लेना अपना पूरा खर्चा" वर्मा जी पानी लाते हुए बोले.

"अजी रहने दो, पता नहीं कौन से भूखे लोगों के घर ब्याह कर रहे हो तुम. पहले ही साफ़ कह दिया था की हमारे लल्ला को पंद्रह लाख तक के ऑफर आये थे. शादी के कार्ड छपने के बाद ऐसी धोखाधड़ी कर रहे हैं, जाने आगे क्या क्या......"

मिसेज वर्मा चारों और अपने आपको ही लूटे जाने की शिकायत कर रही थी.

बड़े वो हो बारू जी....

जाते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री जी के ऊपर अंतिम समय में आई पुस्तक पर :-

चलो हटो बड़े वो हो बारू जी के ऐसे कैसे मनमोहिनी पे इलज़ाम यूँ लगा दिया?
जिस सूरज-मुखी को कहना था सूर्य उसे बात बात में ही तोताराम सा बता दिया,
एक इतिहास का ही उनको सहारा था तो निर्दयी सोचा नहीं उसे भी हटा दिया,
नहीं, लटके नहीं वो, लटकी तो कांग्रेस हाय भोले-भाले बारू तुमने ये क्या किया?

Saturday, April 12, 2014

के इतना हुस्न है...

के इतना हुस्न है उसपे अदा इतनी के क्या कहिये,
हसीं जाना के कूचे में अना इतनी के क्या कहिये,
तड़पना और बिलखना दूर की बातें हैं वो छोडो,
शिकायत के इशारे की सज़ा इतनी के क्या कहिये....!!!

हो के परेशान सभी खोजें हैं विमान....

खोये हुए विमान एम.एच ३७० पर किया गया व्यंग्य (निवेदन है की मेरी सहानुभूति खोये हुए लोगों के परिवारों के साथ है, यह व्यंग्य केवल पूरी दुनिया की उस हाई टेक्नोलॉजी पर है जिसमें वो करोड़ों प्रकाशवर्ष दूर के तारे खोज लेते हैं लेकिन धरती पर खोया विमान नहीं खोज सके.....

हो के परेशान सभी खोजें हैं विमान के विमान का निशान भी किसी को नहीं मिलता, 
धन्य हैं वे कौवे जो चुरा ले गए कान के चुराया हुआ कान भी किसी को नहीं मिलता,
विनती है चोर भाई रख लो विमान, और यात्रियों के बदले में नेतागण मांग लो,
नीचता का जिनकी नहीं है कोई सानी, भ्रष्टाचार का प्रमाण भी किसी को नहीं मिलता....!!

पूरे हिंदुस्तान में एक बात

राष्ट्रीय नेताओं की अंधभक्ति करने वाले लोगों पर व्यंग्य.....

पूरे हिंदुस्तान में एक बात चहुँ ओर,
मोदी-राहुल के लिये मार काट और शोर,
मार काट और शोर मचाएं लोग सयाने,
है बेगानी शादी अब्दुल्ला दीवाने,
कुश्ती में हैं मस्त हुए हर गली के नूरे,
देखें किसके सपने होते हैं अब पूरे.....!!!!

जोड़िये तुकांत और कवि बन जाइये...

कविता में भावशून्यता और तुकबंदी पर वाह वाही लूटने की कोशिश के विरोध पर.....

जोड़िये तुकांत और कवि बन जाइये के छंद लिख दीजिये या गीत फरमाइए,

व्याकरण भाव दोनों तेल लेने जाएं कोई पकडे तो 'है ये अतुकांत' बतलाइए,
बोल दीजिये के "कोई दावा ही नहीं है मेरा ! मैंने कब कहा के मैं कवि हूँ या मोर हूँ?"
सीखना तो पाप है जी पाप ये न कीजियेगा ऐसी दुर्घटना से खुद को बचाइए.....!!!

बातें हो रही थी जहां देश के विकास की....

संसदीय भाषा के स्तर में हो रही लगातार गिरावट पर :-

बातें हो रही थी जहां देश के विकास की तो अब वहाँ गालियों का दौर नया छाया है,
जातियों के समीकरणों में हुए व्यस्त नेता जैसे ही चुनाव नज़दीक ज़रा आया है,
बिजली-सड़क-पानी सब भूलभाल गए, दंगा और क्षेत्रवाद मुद्दआ बनाया है,
फेकू, शहजादा, दिग्गी, खुजली है शब्द जिन्हें राजनेताओं ने शब्दकोष में सजाया है...!!!